सकट चौथ व्रत कथा और तिथि
सकट चौथ का व्रत हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है। यह व्रत माघ माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। इस दिन माताएं अपने पुत्रों की लंबी आयु और सुखमय जीवन के लिए व्रत रखती हैं।
सकट चौथ की कथा
सकट चौथ की कथा के अनुसार, एक समय की बात है। एक नगर में एक सुंदर और बुद्धिमान कन्या थी जिसका नाम था सुहागिन। उसकी शादी एक धनी और अच्छे स्वभाव के युवक से हुई। सुहागिन बहुत ही धार्मिक और भक्तिभाव वाली थी। वह हर व्रत और त्योहार को बड़े ही श्रद्धापूर्वक मनाती थी।
एक बार माघ माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि थी। उस दिन सुहागिन ने सकट चौथ का व्रत रखा। उसने सुबह जल्दी उठकर स्नान किया और साफ-सुथरे कपड़े पहने। फिर उसने भगवान गणेश और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा की। पूजा के बाद उसने व्रत कथा सुनी।
उस रात चंद्रमा उदय होने पर सुहागिन ने चंद्रमा को अर्घ्य दिया और व्रत का पारण किया। व्रत के बाद उसने अपने पति से कहा कि मैं इस व्रत को हर साल रखूंगी।
सुहागिन के व्रत का फल हुआ। उसके पति और पुत्र बहुत ही सुखी और समृद्ध रहे। सुहागिन की आयु भी लंबी हुई।
सकट चौथ की तिथि और मुहूर्त
सकट चौथ 2024 में 29 जनवरी, सोमवार को है। चतुर्थी तिथि की शुरुआत 29 जनवरी को सुबह 6:10 बजे होगी और समाप्त होगी 30 जनवरी को सुबह 8:54 बजे।
सकट चौथ का व्रत सुबह जल्दी उठकर किया जाता है। पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6:10 बजे से 9:44 बजे तक है।
सकट चौथ की पूजा सामग्री
गणेश जी की मूर्ति या तस्वीर
माता पार्वती की मूर्ति या तस्वीर
रोली, चावल, फूल, धूप, दीप, कपूर, नारियल, लड्डू, दूध, दही, घी, शहद
सकट चौथ की पूजा विधि
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे कपड़े पहनें।
पूजा स्थल को साफ करें और गणेश जी और माता पार्वती की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
गणेश जी और माता पार्वती को रोली, चावल, फूल, धूप, दीप, कपूर, नारियल, लड्डू, दूध, दही, घी, शहद आदि अर्पित करें।
गणेश जी और माता पार्वती की आरती करें।
सकट चौथ की व्रत कथा सुनें।
रात में चंद्रमा को अर्घ्य दें।
फिर व्रत का पारण करें।
सकट चौथ की पूजा में ध्यान देने योग्य बातें
पूजा करते समय शुद्ध और पवित्र रहें।
पूजा में सभी सामग्री का प्रयोग करें।
पूजा में गणेश जी और माता पार्वती की पूजा को विशेष महत्व दें।
सकट चौथ की व्रत कथा को ध्यान से सुनें।
रात में चंद्रमा को अर्घ्य देते समय ध्यान रखें कि चंद्रमा को नंगे आंखों से न देखें।
सकट चौथ का व्रत रखने से माताएं अपने पुत्रों की लंबी आयु और सुखमय जीवन की कामना करती हैं। यह व्रत हिंदू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण है।
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